नमो नीलकण्ठाय ,, हर हर महादेव !!
अजीब मूर्ख हैं इस देश में
शिवलिंग पर मैंने कई तरह के टिका टिपण्णी पढ़ी खजुराहो मंदिर पे संभोगरत मूर्ति कला के पर मजाक उड़ाया गया ।
अरे भाईयो वो क्या सन्देश है जो दिया गया था समझने की कोशिश की कभी ?
कहीं और होता तो कोई बात होती लेकिन मंदिर पे ? पूछिये आज के सनातनी व्याख्याकारों से , उनके पास शायद ही कोई उत्तर होगा. क्युकि वो पार्टी प्रचार में व्यस्त हैं उनके पास इतना समय कहाँ !
शास्त्र अध्यन से लगता है , यही गुप्त सन्देश जो वासना से मुक्त हो गया वही ईश्वर से मिलने को तैयार हो सकता है । वही मन मंदिर के अंदर प्रवेश कर विराजमान ईश्वर दर्शन का अधिकारी हो पायेगा । कैसा खुले विचारों वाला समाज रहां होगा उस वक्त जो इस मंदिर को अपने समाज में श्रद्धा के साथ स्थान देता हो सोचने की बात है ।
!! स्वयंविचार करें. !!
अजीब मूर्ख हैं इस देश में
शिवलिंग पर मैंने कई तरह के टिका टिपण्णी पढ़ी खजुराहो मंदिर पे संभोगरत मूर्ति कला के पर मजाक उड़ाया गया ।
अरे भाईयो वो क्या सन्देश है जो दिया गया था समझने की कोशिश की कभी ?
कहीं और होता तो कोई बात होती लेकिन मंदिर पे ? पूछिये आज के सनातनी व्याख्याकारों से , उनके पास शायद ही कोई उत्तर होगा. क्युकि वो पार्टी प्रचार में व्यस्त हैं उनके पास इतना समय कहाँ !
शास्त्र अध्यन से लगता है , यही गुप्त सन्देश जो वासना से मुक्त हो गया वही ईश्वर से मिलने को तैयार हो सकता है । वही मन मंदिर के अंदर प्रवेश कर विराजमान ईश्वर दर्शन का अधिकारी हो पायेगा । कैसा खुले विचारों वाला समाज रहां होगा उस वक्त जो इस मंदिर को अपने समाज में श्रद्धा के साथ स्थान देता हो सोचने की बात है ।
!! स्वयंविचार करें. !!
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