जीवन में हम देखते हैं कि कुछ लोंगों को देखकर ही हम में आत्मीयता
आ जाती है, और किसी को देखकर चिढ़ (इसके अनेक कारण होते हैं)
आ जाती है, और किसी को देखकर चिढ़ (इसके अनेक कारण होते हैं)
एक कारण यह भी है कि
आपकी राशि का स्वामित्व करने वाला ग्रह और सामने वाले की राशि का स्वामित्व करने वाला ग्रह , आपस में क्या व्यवहार रखते हैं, , (पर जन्मराशि होनी चाहिए) शत्रु, मित्र अथवा समान.
यदि दो लोगों के ग्रह आपस में शत्रु हैं तो अकारण द्वेष का यह भी कारण हो सकता है
सूर्य के मित्र – वृ. मं चन्द्र
2. चंद्रमा के मित्र – सूर्य बुध
3. मंगल के मित्र – सू. च. वृ.
4. बुध के मित्र – सूर्य, शुक्र, राहु,
5. बृहस्पति के मित्र – सू. च. मं
6. शुक्र के मित्र – श. बु. के.
7. शनि के मित्र – बुध-शुक्र-राहु
8. राहु के मित्र – बु. श. के.
9. केतु के मित्र – शु. राहु
शत्रु –
1. सूर्य – शुक्र, शनि, राहु
2. -चन्द्र – केतु, राहु
3. मंगल – बुध, केतु
4. बुध – चंद्रमा
5. बृहस्पति – शुक्र, बुध
6. शुक्र – सूर्य , चन्द्र, राहु
7. शनि – सूर्य , चन्द्र , मंगल
8. राहु – सूर्य , शुक्र, मंगल
9. केतु – चन्द्र , मंगल
सामान्य –
सूर्य- बुध
चन्द्र – शुक्र, शनि , मंगल , बृहस्पति
मंगल – शुक्र, शनि
बुध – शनि , मंगल, बृहस्पति, केतु
बृहस्पति – रा. के. शनि
शुक्र – मं, बृहस्पति
शनि- केतु ,बृहस्पति
राहु – बृहस्पति , चंद्रमा ,
केतु – वृ. श, बु. सू
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