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बुधवार, 28 जून 2017

ब्रह्माण्ड विजय कवच , श्री कृष्ण द्वारा ब्रह्मा व रुद्र को दिया गया ,


शनिवार, 24 जून 2017

गुप्त नवरात्रि प्ररंभ , २४/०६/२१७ मुहूर्त व साधनाएँ

*माघ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ 24/06/ 2017*



घट स्थापन प्रयोग:-आज रात 9 बजे , शनिवार

*प्रत्येक वर्ष आने वाले दो नवरात्रों से तो आप सभी लोग परिचित हैं लेकिन इनके अलावा प्रत्येक वर्ष दो और नवरात्री होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्री कहा जाता है। पूर्व काल में इनका ज्ञान केवल उच्च कोटि के साधकों को होता था जो इस समय का उपयोग विशिष्ट साधनाओं को सम्पन्न करने में किया करते थे।*
*गुप्त नवरात्र में पूजा, उपासना सामान्य नवरात्रों के समान ही होती हैा तान्त्रिक समाज में इन नवरात्रों का बहुत ही महत्व है, जो इस समय की लगातार प्रतिक्षा करता है*
*28 जनवरी 2017 ( शनिवार ) घट स्थापना, शैलपुत्री पूजा* आह्मान
*29 जनवरी 2017 ( रविवार ) द्वितीया ब्रह्मचारिणी पूजा*
*30 जनवरी 2017 ( सोमवार ) तृतीया चंद्रघंटा पूजा*
*31 जनवरी 2017 ( मंगलवार) चतुर्थी कुष्मांडा पूजा*
*01 फरवरी 2017 ( बुधवार ) पंचमी स्कंदमाता पूजा*
वसंतपंचमी सरस्वती बिज स्थापन प्रयोग :-
12 बजे से 3 बजे तक दोपहर ।
सरस्वती सर्वकार्य सिद्धि हवन रात :- 8 बजे।
*02 फरवरी 2017 ( गुरुवार) षष्ठी कात्यायनी पूजा*
*03 फरवरी 2017 ( शुक्रवार) सप्तमी कालरात्रि पूजा*
*04 फरवरी 2017 ( शनिवार ) अष्टमी महागौरी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा,*
अष्टमी बगलामुखी प्रत्यंगिरा हवन रात 8 बजे!
*05 फरवरी 2017 ( रविवार ) नवमी सिद्धिदात्री पूजा*
*06 फरवरी 2017 ( सोमवार ) दशमी नवरात्री प्रयाण*
       आप श्री यंत्र साधना, या श्री विद्या साधना करना चाहते हैं तो यह आपके लिए स्वर्णिम समय है,
माँ भगवती आपका कल्याण करें ....

शुक्रवार, 16 जून 2017

श्री कृष्ण द्वारा वर्णित, महादेव कृत "देवी" स्तोत्र, शत्रु विजय , पुत्र प्राप्ति व सभी कष्टों का हरण करता है , (ब्रह्मवैवर्त पुराण )

भगवान शंकर जब त्रिपुर से युद्ध कर रहे थे,





और उसको मारना बहुत मुश्किल हो रहा था तब महादेव ने , भगवान विष्णु द्वारा बतलाये हुए ,
    "माँ भगवती"
के स्तोत्र का पाठ किया, व माँ की कृपा से त्रिपुरासुर का वध किया.
   यह स्तोत्र स्त्री, पुत्र, भूमि सर्व सम्पत्ति दाता शत्रु पर विजय, व महावन्ध्या को भी पुत्रवती, व किसी भी रोग से मुक्ति दिलाता है....  
   पुराण में श्री कृष्ण द्वारा नंदबाबा को इसका उपदेश दिया गया,  इसी उपाख्यान में

 
श्री महादेव कृत भगवती स्तोत्र , (ब्रह्मवैवर्त ८८/१५-३८)

समस्त कष्टों के निवारण इस  दिव्य स्तोत्र से हो जाते हैं, 
 यह स्वयं श्री कृष्ण के वचन हैं.....